(Aniruddacharya Ji Maharaj Fees) नमस्कार दोस्तों! हम सभी को पता है कि हमारा देश कितना कथावाचक देश है हमारे देश में बहुत सारे ब्राह्मण, पंडित, पुजारी रहते हैं और हमारे देश के एक कथा वाचक बहुत अच्छा मशहूर भी हैं बल्कि हमारे देश में जितने भी कथावाचक हैं उनका सिर्फ हमारे देश तक ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत ज्यादा प्यार देखने को मिलता है।
सभी मशहूर कथावाचक अपनी बुद्धिमता और धार्मिक ज्ञान से देश के लोगों को एक सही मार्गदर्शन दिखाता है सही जीवन जीने का एक सही रास्ता दिखाता है जो कि सीधा भगवान के धाम या फिर भगवान के चरण तक पहुंचाता है।
और इसी वजह से सभी लोग अपने-अपने कथावाचक के बताए हुए रास्ते पर चल पड़ते हैं और आज आपको हम इस आर्टिकल Aniruddacharya Ji Maharaj Fees में ऐसे कुछ मशहूर भगवत कथावाचक के बारे में बताएंगे क्योंकि काफी ज्यादा प्रशासक है और चाहने वालों की संख्या उनके लिए कई गुना ज्यादा है।
तो बहुत ही बड़े कथावाचक हैं इसलिए लोग उनको पसंद नहीं करते लोग उनकी बुद्धिमता और उनके ज्ञान के कारण उन्हें पसंद करते हैं उनके बताए हुए रास्ते पर चलते हैं सभी लोगों को अपने लिए और अपने पूरे परिवार के लिए एक मुक्ति भरा रास्ता चाहिए और वह रास्ता सिर्फ हमारे कथावाचक ही हम भी दे सकते हैं।
आज मैं आपको ऐसे ही एक बहुत ही मशहूर भागवत कथा वाचक अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज के बारे में बताने जा रहा हूं और बहुत सारे लोगों की सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि यह सारे महाराज भगवत कथा करने के कितने Fees या फिर दक्षिणा लेते हैं उसके बारे में भी आज मैं आपको इसमें जानकारी दूंगा।
Aniruddhacharya Ji Maharaj के बारे में कुछ जानकारियां

अनिरुद्धआचार्य महाराज जी कथा कराने के कितना रचना लेते हैं उसके बारे में हम इस आर्टिकल में जरूर जानेंगे लेकिन उससे पहले हम थोड़ा सा हमारे महाराज अनिरुद्धआचार्य जी के बारे में जानकारी हासिल कर ले।
महाराज जी का जन्म 27 सितंबर 1989 को जबलपुर मध्य प्रदेश भारत में हुआ उनके माता-पिता अध्यात्म से काफी ज्यादा जुड़े हुए थे उनकी माता पिता बचपन से ही महाराज जी को काफी ज्यादा अध्यात्मिक की ओर लेकर जाना चाहते थे छोटी सी उम्र में ही महाराज जी हनुमान चालीसा का कंठस्थ कर लिया था जोकि आज के समय में बहुत मुश्किल होता है।
श्रीमद् भागवत कथा और रामचरितमानस जैसे मुश्किल ग्रंथ और पुरान का भी अध्ययन महाराज जी छोटी उम्र से ही कर रहे हैं महाराज जी अपने स्कूल की शिक्षा प्राप्त करने के लिए वृंदावन चले गए थे और बाद में उन्होंने संत कि राज शास्त्री महाराज से चली तथा सनातन धर्म को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया।
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और आज के समय महाराज जी सनातन धर्म को बहुत ही आगे लेकर जाना चाहते हैं और उनका मकसद सिर्फ इतना ही है कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को सही मार्ग दिखा सके जीवन का मतलब बता सके और भगवान ठाकुर के चरण में हम सबको पहना दिला सके।
नाम (Name) | श्री अनिरुद्धआचार्य |
जन्म तारीख (Birth Date) | 27 सितंबर 1989 |
उम्र (Age) | 34 वर्ष |
जन्म स्थान (Birthplace) | दमोह जिले के रिमझा ग्राम में |
गुरु (Teacher) | श्री गिर्राज शास्त्री जी महाराज |
कार्य (Occupation) | कथा वाचन |
धर्म (Religion) | हिंदू (ब्राह्मण) |
लंबाई (Height) | 5 फीट 9 इंच |
वजन (Weight) | 68 किलो |
गुरुजी का आश्रम (Foundation) | गौरी गोपाल वृद्धा आश्रम |
दोस्तों इसके अलावा अनिरुद्ध आचार्य महाराज जी की पत्नी भी है जिनको सभी लोग गुरु मां के नाम से जानते हैं और महाराज जी के दो बेटे हैं। महाराज जी की पत्नी गुरु मां भी भजन इत्यादि का ज्ञान करती रहती हैं और वह अपने माता-पिता के साथ ही रहती हैं तो कुल महाराज जी के छह सदस्यों का पूरा परिवार है।
Aniruddhacharya जी के कुछ तथ्य – (Facts)
जितनी भी मशहूर कथावाचक महाराज हैं उन सभी के बारे में कुछ ना कुछ रोचक तथ्य होते ही हैं क्योंकि उन्होंने बहुत लोगों का जीवन बदला होता है और बहुत सारे लोगों को सही मार्ग दिखाया होता आइए उन सब तथ्य के बारे में एक-एक करके जानते हैं।
- श्री अनिरुद्धआचार्य महाराज जी गाय की Youtube Channel है जिन का उद्घाटन महाराज जी के जन्मदिन के 2 दिन पश्चात 29 सितंबर 2017 को शुरू हुआ था।
- महाराज जी 600 से भी ज्यादा कथाएं देश-विदेश हर जगह बहुत ही धार्मिक तरीके से कर चुके हैं।
- अनिरुद्धआचार्य जी महाराज जी गोपी गोपाल आश्रम के नाम पर बूढ़ी माताओं के लिए एक बहुत ही सुंदर सा आश्रम बनाया है।
- महाराज जी की जितनी भी कमाई होती है वह उन सारे कमाई को अपने आश्रम रितु माताओं की सेवा में लगा देते हैं।
- शास्त्रों में रुचि होने के कारण ही बचपन से ही महाराज जी राम चरित्र मानस और श्रीमद भगवत कथा को अच्छे से याद कर लिया था।
- दोस्तों हमारे महाराज जी के बचपन में आर्थिक स्थिति सही नहीं हुआ करते थे अथवा वह और उनके पूरे परिवार 15 हजार की लागत से बने हुए एक घर में पूरा परिवार रहा करते थे।
- महाराज जी के पिताजी जो कि अध्यात्मिक थे वह एक मंदिर के पुजारी भी थे।
- जब अनिरुद्धआचार्य महाराज जी छोटे थे तब उसी समय उनकी छोटी बहन का देहांत हो गया था।
Aniruddhacharya जी का परिवार – (Family)

महाराज जी का बहुत ही छोटा सा साधारण सा और खुशहाल परिवार है महाराज जी के पिता जी जो कि एक मंदिर के पुजारी थे महाराज जी अपने घर के सबसे बड़े बेटे हैं महाराज जी के पूरे परिवार में सिर्फ 6 लोग ही हैं।
महाराज जी की पत्नी भी है जिनका नाम गुरु मां है दरअसल उनका नाम कुरूमा नहीं है लेकिन बहुत सारे लोग उनको गुरु मां के नाम से जानते हैं क्योंकि वह भी बहुत ज्यादा प्रवचन और भगवत कथा में पूछी रखती हैं और महाराज जी के दो बेटे भी हैं।
महाराज जी का उम्र 34 साल है लेकिन उन्होंने कथावाचक कराना बहुत पहले से शुरू कर दिया था महाराज जी बचपन से ही कथा और भगवान में मदन हो गए थे उन्हें और कुछ करना पसंद नहीं था उन्हें सिर्फ भगवान का कथा सुनना पसंद था और भगवान की सेवा करना पसंद था और यही एक कारण है कि आज हमारे महाराज जी बहुत सारे लोगों का मार्गदर्शन सही कर रहे हैं।
Aniruddacharya Ji Maharaj Fees in Hindi

अब सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि अनुरोध आचार्य जी अपने एक कथा कराने से कितनी दक्षिणा लेते हैं क्योंकि यहां पर Fees बोलना सही नहीं रहेगा इसलिए यहां पर मैं दक्षिणा शब्द का प्रयोग कर रहा हूं हमारे महाराज जी एक ब्राह्मण है और वह कहीं भी जाते हैं तो अपनी कथा कराने का दक्षिणा लेते हैं।
बहुत सारे लोगों का इस बारे में अपनी अलग अलग भरना है कुछ लोग ज्यादा बताते हैं कुछ लोग कम बताते हैं कुछ लोगों को नहीं पता है कुछ लोग ऐसे ही बोलते हैं हमें भी एकदम पता नहीं पता है कि अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज जी अपने एक कथा कराने के कितना दक्षिणा लेते हैं।
लेकिन कुछ ऐसे सोर्स हैं जहां से हमें पता चला है कि अनिरुद्ध आचार्य महाराज जी अपनी एक कथा कराने के कितने पैसे लेते हैं दोस्तों मैं आपको बता दूं महाराज जी अपनी एक कथा कराने के 7 से 8 लाख रुपए लेते मुझे नहीं पता कि यह कितना सच है लेकिन हमें मिली जानकारी के अनुसार हम आपको बता रहे हैं और यह सारा पैसा महाराज जी गरीबों की सेवा में लगा देते हैं गौ माता की सेवा में और बूढ़ी माताओं की सेवा में लगा देते हैं।
अनिरुद्ध आचार्य जी की उम्र कितनी है?
महाराज अनिरुद्धाचार्य का जन्म 27 सितंबर 1989 में मध्यप्रदेश के दमोह जिले मे रिंवझा नामक गाँव में हुआ. अनिरुद्ध आचार्य जी की उम्र 34 हैं।
aniruddhacharya ji maharaj bhagwat katha fees
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा में 12 सितंबर 1978 को हुआ था. देवकीनंदनजी भारत के सबसे लोकप्रिय और सबसे अधिक वेतन पाने वाले भगवद कथा वाचक हैं. भारत के लोकप्रिय कथा वाचक होने की वजह से यूपी रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया हैं. महाराज जी विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक हैं.
महाराज जी एक कथा करने की फीस 10 से 12 लाख लेते हैं. इस फीस से महाराज जी लोगो में सेवा का कार्य करते हैं. अगर बात की जाए इनके सालाना नेट वर्थ की तो इनकी सालाना नेट वर्थ 5 करोड़ के आसपास हैं.
FAQ on Aniruddhacharya Ji Maharaj Fees
Q1. अनिरुद्ध आचार्य महाराज जी कौन है?
अनिरुद्ध आचार्य महाराज जी एक कथावाचक है जोकि भगवत कथा और भी अन्य कथा कराते हैं और लोगों को जीवन जीने का सही मार्ग दिखाते हैं।
Q2. अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज फीस कितनी लेते हैं?
अनिरुद्ध आचार्य महाराज जी अपने कथा कराने के 1 दिन का ₹1 लाख लेते हैं।
Q3. अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज की पत्नी का नाम क्या है?
अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज की पत्नी का नाम गुरु मां के नाम से लोग जानते हैं।
Q4. अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज कितने पढ़े लिखे हैं?
बचपन में आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण महाराज जी स्कूल की शिक्षा ज्यादा प्राप्त नहीं कर पाए और वह वृंदावन चले जाएं और वहीं से उन्होंने संस्कृत भाषा में अपनी शिक्षा पूरी की।
Q5. अनिरुद्ध आचार्य की प्रॉपर्टी कितनी है?
अनिरुद्ध आचार्य की कुल संपत्ति 41,800 करोड़ रुपए है.
Q6. अनिरुद्धाचार्य जी महाराज कहाँ रहते हैं?
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज Vrindavan में रहते हैं.
Q7. अनिरुद्धाचार्य के कितने बच्चे हैं?
श्री अनिरुद्धाचार्य के 2 बच्चे है।
Final Thought on अनिरुद्धाचार्य जी महाराज फीस
हमारे महाराज जी का जीवन बिल्कुल भी आसान नहीं था जिन लोगों को लगता है कि कथा कराने वाले लोग बिल्कुल झूठे होते हैं वह सिर्फ मुफ्त का पैसा लेते हैं तो दोस्तों के साथ बिल्कुल भी नहीं है महाराज जी के जीवन में बहुत सारी कठिनाइयां आएगी लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं माना और वह हर मुश्किलों से लड़ते रहे।
और अपने माता पिता के संस्कार और ज्ञान की मदद से आज वह कथावाचक करा रहे हैं और बहुत सारे लोगों को सही जीवन जीने का एक सही मार्ग दिखा रहे हैं हम सभी लोग अपने जीवन में भटक रहे हैं हमें रास्ता दिखाने वाला कोई नहीं है।
और इसी वजह से हमारे भारत देश में ऐसे बहुत सारे मशहूर कथावाचक ब्राह्मण है जो कि सही में हमारे जीवन का बेड़ा पार लगाते हैं और हमारे संस्कृति को काफी आगे बढ़ाते हैं।