हेलो दोस्तों! धनतेरस हम हिंदुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है धनतेरस हमेशा दिवाली के दो दिन पहले आता है हिंदू कैलेंडर के मुताबिक धनतेरस यह कार्तिक माह मैं मनाया जाता है।
दिवाली का त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिसमें सबसे पहले धनतेरस ही आता है इसके बाद छोटी दिवाली इसके बाद दिवाली आती है इसके बाद गोवर्धन पूजा और फिर आखरी में भाई दूज का त्यौहार आता है।
धनतेरस दिवाली का एक हिस्सा है धनतेरस दिवाली का आगमन है दिवाली शुरू होने से पहले धनतेरस से वार को हिंदू धर्म के लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं हम हिंदुओं के लिए यह त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण रखता है दिवाली हर साल अक्टूबर – नवंबर के बीच में आता है।
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आज के इस लेख में आप धनतेरस पर निबंध (Dhanteras Essay in Hindi) के बारे में जानेंगे आज हम जानेंगे कि धनतेरस को हम क्यों मनाते हैं इसके पीछे कहानी क्या है धनतेरस की कथाएं क्या है इन सब के बारे में आज हम बात करेंगे।
धनतेरस पर निबंध (200 Words)

धनतेरस जो कि हमारे भारतीय वासी लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है धनतेरस का त्यौहार हर साल दिवाली के 2 दिन पहले आता है और यह हमेशा कार्तिक महीने के तेरेवे चंद्र दिवस कि अंधेरे पक्ष को हम सब मनाते हैं।
कार्तिक महीना को लोग अमावस्या का महीना भी कहते हैं धनतेरस धन समृद्धि का त्यौहार है इसे बहुत ही धूमधाम से लोग मनाते हैं धनतेरस के दिन लोग अपने घर के लिए बाहर अच्छे-अच्छे महंगे महंगे सामान खरीदते हैं।
क्योंकि धनतेरस के दिन महंगा सामान खरीदना या फिर गाड़ी, टीवी, सोने का सामान खरीदना शुभ माना जाता है। इसके पीछे भी कारण है लोगों का यह मानना है कि धनतेरस के दिन आपके द्वारा किया गया खर्च पूरे साल तक आपको बहुत धन प्रदान कर सकता है।
कहीं ना कहीं यही एक वजह है कि लोग इस दिन महंगे महंगे सामान सोने चांदी खरीदते हैं ताकि आने वाले समय में लोगों को पास बहुत धन आए आपने ऐसा भी देखा होगा कि इस दिन लोग स्टील के बर्तन काफी खरीदते हैं क्योंकि बर्तन को भी शुभ माना गया है।
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हम सब यह जानते हैं कि धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी माता है इसलिए दिवाली के दिन धनतेरस के दिन लक्ष्मी माता जी की आरती होती है उनका पूजा किया जाता है दिवाली के दिन कभी भी घर गंदे नहीं होते हैं क्योंकि इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश जी का हमारे घर में आगमन होता है।
धनतेरस पर निबंध (400 Words)
धनतेरस को सुख समृद्धि का त्योहार माना गया है इस दिन हम सब बहुत ही उत्साह के साथ बहुत ही धूमधाम से इस त्योहार को मनाते हैं हमारा भारत एक Festival का देश है हमारे भारत में विभिन्न तरह के Festival मनाए जाते हैं।
सभी त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं उन्हीं में से एक थे बार दिवाली का है दिवाली का त्यौहार हम बहुत ही खुशियों के साथ मनाते हैं इस दिन हम दीप जलाते हैं पटाखे जलाते हैं अच्छे-अच्छे पकवान खाते हैं भगवान गणेश जी और माता लक्ष्मी जी की आरती करते है।
पूरे भारत मैं इस पर्व को परी धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन लोग बाजार जा कर घर के लिए नए झाड़ू बर्तन गहने सोने चांदी यह सब की खरीदारी करते हैं क्योंकि धनतेरस के दिन खर्च किए गए धन हमारे लिए बहुत ही शुभ होते हैं।
इसलिए हमें धनतेरस के दिन खरीदारी जरूर से करनी चाहिए और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए उनसे कामना करनी चाहिए कि पूरा साल अपना आशीर्वाद हम सब पर बनाए रखें।
धनतेरस का महत्व हिंदी में
धनतेरस का महत्व हमारे हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा है धनतेरस के दिन मुख्य रूप से हम सब खरीदारी करने को शुभ मानते हैं इस दिन महंगे से महंगे जिसे हम खरीदते हैं क्योंकि खरीदारी समृद्धि लाने और धन का प्रतीक माना जाता है।
धनतेरस का हमारे हिंदू धर्म में धार्मिक मात्र बहुत ज्यादा है धार्मिक महत्व के अलावा भी काफी अच्छा दिन धनतेरस को माना गया क्योंकि धनतेरस के दिन दिवाली के समय बाजारों में कोई भी कारोबार शुरू करने का एकदम सही समय होता है।
क्योंकि दिवाली के समय बहुत ज्यादा खरीदारी की जाती है चाहे वह सोना हो Chandi हो बर्तन हो गाड़ी हो Freeze हो Washing Machine और कोई भी समान हो उसकी खरीदारी बहुत ज्यादा होती है इसलिए दिवाली के दिन सारे दुकान 24 घंटे खुले रहते हैं।
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धनतेरस के दिन बहुत सारे राशि का लेनदेन होता है और इसकी वजह से देश में जो अर्थव्यवस्था खराब हो चुकी है उसमें भी एक अच्छा संकेत माना जाता है धनतेरस त्यौहार का बहुत ही धार्मिक महत्व है क्योंकि इसमें देवियों की भगवान की पूजा पाठ किए जाते हैं।
दिवाली का त्यौहार धनतेरस त्यौहार के बिना अधूरा है क्योंकि दिवाली की शुरुआती धनतेरस के दिन से होती है खरीदारी करके होती है इस दिन लोग रोशनी के लिए चीजें खरीदते हैं लाइट खरीदते हैं और अपने घर को सजाते हैं तब जाकर दिवाली मनाई जाती है।
धनतेरस पर निबंध (800 Words)
धनतेरस का त्यौहार दिवाली की शुभ शुरुआत होती है दिवाली एक रोशनी का त्योहार है खुशियों का त्यौहार है इसीलिए इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है जहां पर धन को खर्च किया जाता है ताकि आने वाले समय में धन की कमी आपको ना हो।
दिवाली हमेशा कार्तिक माह में मनाया जाता है इस साल दिवाली 4 नवंबर गुरुवार को मनाया जाएगा। दिवाली त्योहार की खासियत यही है कि।
इस त्योहार में दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं लोग एक दूसरे के साथ बहुत ही प्यार से पेश आते हैं दूसरे को अच्छे-अच्छे दिवाली की शुभकामनाएं देते हैं।
दिवाली का त्यौहार लोगों के जीवन में सुख समृद्धि और एक अच्छा स्वास्थ्य लेकर आता है इसीलिए इस त्यौहार को लोग बहुत ही धूमधाम से बहुत ही जश्न से मनाते हैं लोक नए नए कपड़े पहनते हैं अच्छे से पकवान बनाते हैं।
सबसे पहले भगवान जी की पूजा करते हैं इसके बाद परिवार के साथ मिलकर भोजन करते हैं पटाखे जलाते हैं हर जगह दिया जलाते हैं दिवाली का दिन हम पूरे भारत वासियों के लिए बहुत ही खुशी का दिन होता है।
धनतेरस त्यौहार कब मनाते हैं?
धनतेरस का त्यौहार हमारे हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने में मनाया जाता है अलग-अलग जगह पर धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है जैसे कि बंगाली मैथिली होने वाली जगह पर धनतेरस साल के सातवें महीने पर आता है।
लेकिन तमिल कैलेंडर के अनुसार तेरस का त्यौहार साल की आठवें महीने पर आता है। हमारे भारत में धनतेरस को अंधेरे पक्ष के 13वे चंद्र दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है और इसे हम लोग कृष्ण पक्ष भी कहते हैं।
धनतेरस हमेशा दिवाली के दो दिन पहले आती है दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है इसके बाद छोटी दिवाली फिर दिवाली उसके अगले दिन गोवर्धन पूजा फिर आखरी में भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है।
धनतेरस का त्यौहार कैसे मनाते हैं?
धनतेरस का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है जिस दिन हम लोग अपने घर के लिए खरीदारी करते हैं धनतेरस दिवाली त्योहार के लिए बहुत ही मायने रखता है।
धनतेरस के दिन सबसे पहले हम लोग बाजार जाते हैं सोना खरीदते चांदी के आभूषण खरीदते हैं या फिर जो लोग चांदी सोना नहीं खरीद सकते से वह लोग स्टील के बर्तन खरीदते हैं क्योंकि स्टील के बर्तनों को भी शुभ माना गया है।
कथाओं में यह कहा गया है कि धनतेरस के दिन किए गए खर्च आपके आने वाले साल मैं काफी धन की वृद्धि कर सकता है इसलिए धनतेरस के दिन लोग महंगे महंगे आभूषण खरीदते हैं इसकी शुरुआत घर की साफ सफाई से होती है।
बाजारों में काफी भीड़ होती है क्योंकि इस दिन सभी लोग बाजार जाकर खरीदारी खरीदते हैं लोग अपने हिसाब से सामान खरीदते हैं धनतेरस के दिन झाड़ू भी खरीदा जाता है इसे भी शुभ माना गया है जो लोग खरीदारी करने जाते हैं वह खाली हाथ नहीं आते हैं।
Dhanteras का त्यौहार धन का त्यौहार है समृद्धि करने वाले इसलिए इस दिन धन की देवी महालक्ष्मी जी की पूजा होती है जितने भी पूजा पाठ होती है वह सब घर के पूजा घरों में होती है और कई लोग स्वास्थ्य के देवता धनवंतरी की भी पूजा करते हैं।
क्योंकि ऐसा कहा गया है कि धन के साथ एक अच्छा स्वास्थ्य होना बहुत जरूरी है इसलिए देवी लक्ष्मी और देवदत्त धनवंतरी की पूजा की जाती है ताकि स्वास्थ्य और समृद्धि दोनों हमारे घर बनी रहे।
धनतेरस के दिन से ही घरों में भी चलना शुरू हो जाता है घरों में Light लगना शुरू हो जाता है पूरा शहर रोशनी से चमचमता है घर के बाहर अच्छे से शुभ लाभ लगाए जाते हैं और टीवी लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी के स्वागत के लिए सजावट की जाती है।
धनतेरस की कथाएं
तेरस त्यौहार मनाने के पीछे छोटी सी कहानी है इसके बारे में आपको जानकारी होना बहुत जरूरी है हमारे देश में जितने भी त्यौहार मनाए जाते हैं उन सब के पीछे एक कहानी छुपी होती है आज मैं आपको धनतेरस मनाने के पीछे जो कहानी है उसके बारे में बताऊंगा।
राजा हुआ करते थे जिनका पुत्र की आयु 16 साल था राजकुमार की कुंडली मैं यह साफ लिखा हुआ था कि उनकी मृत्यु उनके शादी के चौथी दिन ही हो जाएगा और वह भी सांप के काटने की वजह से होगा।
इसी वजह से राजा को अपने पुत्र के लिए बहुत चिंता होने लगा लेकिन इसके बावजूद भी राजा ने यह सब बात को बुलाकर अपने बेटे राजकुमार की शादी करा दी।
शादी के बाद राजकुमार की पत्नी को इस भविष्यवाणी के बारे में पता चला तब उसने एक योजना बनाई अपने पति राजकुमार को बचाने के लिए जैसे ही उन दोनों की शादी हुई।
उनकी शादी की चौथे दिन की रात राजकुमार की पत्नी अपने सारे आभूषण सोने, चांदी और सब आभूषण निकाल दिया और अपने घर के द्वार पर सारे आभूषण को रख दिया।
इसके बाद राजकुमार की पत्नी ने भगवान से प्रार्थना करना शुरू कर दिया उनके भजन गाना शुरू कर दिया और अपने पति को सोने नहीं दिया ताकि जब सांप आए तो सांप उसे काट ना पाए।
उसी रात को मृत्यु के देवता यमराज उसके घर आए और खुद को सांप के रूप में बदल नहीं पा रहे थे यमराज का ध्यान उन सारे आभूषणों की चमक की ओर खींच रहा था।
यमराज आभूषण के ढेर पर चढ़कर ऊपर बैठ और पूरी रात राजकुमार की पत्नी का भजन गाना सुने जैसे ही सुबह हुई यमराज वापस अपनी ओर निकल पड़े और इसकी वजह से राजकुमार की जान बच गई
राजकुमार की जान बचाने के पीछे उनकी पत्नी की समझदारी और सत्र आई थी और इसी वजह से इस दिन धनतेरस के दिन के रूप में सभी लोग मनाना शुरू कर दिए और यमराज अगली सुबह जब राजकुमार के घर से खाली हाथ वहां से निकले इसलिए अगले दिन जिसे हम छोटी दीवाली कहते हैं उसको हम नरक चतुर्दशी के रूप में भी बनाते हैं।
धनतेरस पूजा पर 10 वाक्य हिंदी में
- धनतेरस का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है।
- हमारे हिंदू कैलेंडर के अनुसार धनतेरस हर साल कार्तिक महीने में आता है।
- दिवाली की शुरुआत धनतेरस के त्यौहार से ही होता है धनतेरस हर साल दिवाली के 2 दिन पहले मनाया जाता है।
- धनतेरस व्यवहार को हम लोग समृद्धि का त्यौहार भी कहते हैं क्योंकि धनतेरस का त्यौहार समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लेकर हमारे पास आता है।
- साल 2021 में धनतेरस 2 नवंबर मंगलवार को मनाया जाएगा।
- धनतेरस पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से उत्साह के साथ मनाया जाता है।
- धनतेरस के दिन सभी लोग सोने, चांदी के आभूषण गाड़ी, चांदी के सिक्के खरीदते हैं क्योंकि धनतेरस के दिन यह सब खरीदारी को बहुत ही शुभ माना गया है।
- धनतेरस के दिन नया व्यापार शुरू करना या फिर नई खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना गया है इसीलिए धनतेरस के दिन पूरे भारत में बहुत सारे नए व्यापार शुरू होता है।
- धनतेरस मैं घर को साफ किया जाता है और रात को दीए जलाए जाते हैं घर को रोशनी से सजाया जाता है ताकि देवी लक्ष्मी हमारे घर प्रवेश करें।
- धनतेरस का त्यौहार हमारे पूरे परिवार के लिए एक अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लेकर आता है।
Conclusion
धनतेरस का त्यौहार हम सभी लोगों के लिए बहुत ही मायने रखता है क्योंकि हम सभी यह चाहते हैं कि हमारे जीवन में धन की कमी ना हो हम सब के पास धन बढ़ता जाए क्योंकि अगर धन की कमी होती है तब खुशियों की भी कमी होती है।
आज के इस लेख में हमने धनतेरस पर निबंध (Dhanteras Essay in Hindi) के बारे में जाना धनतेरस का महत्व जाना धनतेरस हम क्यों मनाते हैं धनतेरस मनाने के पीछे क्या कथाएं हैं संसद के बारे में जाना क्योंकि व्यवहार मनाने के पीछे कोई वजह होती है उन वजह को आपको जानना बहुत जरूरी है।
धनतेरस का त्यौहार हमें यह मौका देता है कि हम अपने ईश्वर से अपने भगवान से प्रार्थना करें उनसे आशीर्वाद से उनकी पूजा करें ताकि वह खुश रहे और हम सब पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें।